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English » Hindi - 3 entries


"Hearing Myself Think" by Richard Beard - www.richardbeard.info 382 words
Heathrow Airport is one of the few places in England you can be sure of seeing a gun. These guns are carried by policemen in short-sleeved shirts and black flak-jackets, alert for terrorists about to blow up Tie-Rack. They are unlikely to confront me directly, but if they do I shall tell them the truth. I shall state my business. I’m planning to stop at Heathrow Airport until I see someone I know. (...)

Astonishingly, I wait for thirty-nine minutes and don’t see one person I know. Not one, and no-one knows me. I’m as anonymous as the drivers with their universal name-cards (some surnames I know), except the drivers are better dressed. Since the kids, whatever I wear looks like pyjamas. Coats, shirts, T-shirts, jeans, suits; like slept-in pyjamas. (...)

I hear myself thinking about all the people I know who have let me down by not leaving early on a Tuesday morning for glamorous European destinations. My former colleagues from the insurance office must still be stuck at their desks, like I always said they would be, when I was stuck there too, wasting my time and unable to settle while Ally moved steadily onward, getting her PhD and her first research fellowship at Reading University, her first promotion.

Our more recent grown-up friends, who have serious jobs and who therefore I half expect to be seeing any moment now, tell me that home-making is a perfectly decent occupation for a man, courageous even, yes, manly to stay at home with the kids. These friends of ours are primarily Ally’s friends. I don’t seem to know anyone anymore, and away from the children and the overhead planes, hearing myself think, I hear the thoughts of a whinger. This is not what I had been hoping to hear.

I start crying, not grimacing or sobbing, just big silent tears rolling down my cheeks. I don’t want anyone I know to see me crying, because I’m not the kind of person who cracks up at Heathrow airport some nothing Tuesday morning. I manage our house impeccably, like a business. It’s a serious job. I have spreadsheets to monitor the hoover-bag situation and colour-coded print-outs about the ethical consequences of nappies. I am not myself this morning. I don’t know who I am.

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Entry #1 - Points: 26 - WINNER!
Pundora
Pundora
India
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हीथ्रो हवाई अड्डा इंग्लैंड की उन गिनी चुनी जगहों में से एक है, जहां आपको बंदूक निश्चित तौर पर दिखाई दे जाएगी। ये बंदूकें आपको दिखाई देंगी, छोटी बाजू की कमीजें और काली बुलेट-प्रूफ जैकेटें पहने पुलिसकर्मियों के पास, जो टाई-रैक के स्टोरों को उड़ाने के लिए तैयार बैठे आतंकवादियों के लिए चौकस रहते हैं। मुझसे इनका सीधा सामना होने की उम्मीद तो नहीं है, लेकिन यदि ऐसा हो ही जाता है तो मैं उन्हें सच्चाई से अवगत करा दूंगा। उन्हें मैं अपना उद्देश्य समझा दूंगा। बता दूंगा कि मेरी योजना तब तक हीथ्रो हवाई अड्डे पर रुकने की है जब तक मुझे कोई परिचित व्यक्ति नहीं मिल जाता।

घोर आश्चर्य, कि उनतालीस मिनट तक इंतजार करने के बाद भी मुझे कोई परिचित व्यक्ति दिखाई नहीं दिया। एक भी नहीं, और यहां मौजूद लोगों में से मुझे कोई नहीं जानता। मैं उतना ही गुमनाम हूं जितने कि सार्वभौमिक नाम-पत्रों वाले यहां के ड्राइवर(कुछ उपनामों के बारे में तो मैं जानता हूं)। फर्क बस इतना है कि ड्राइवरों ने मुझसे अच्छे कपड़े पहन रखे हैं। जब से घर में बच्चों की किलकारियां गूंजी हैं, जो भी पहनता हूं पायजामा दिखाई देता है। कोट, कमीजें, टी-शर्ट, जीन्स, सूट; सभी ऐसे दिखाई देते हैं मानो उनमें सोकर अभी उठा।

मैं अपने उन सभी जानने वालों के बारे में सोचने लगता हूं, जो सुबह जल्दी मोहक यूरोपीय गंतव्यों के लिए नहीं निकले और इस तरह जिन्होंने मेरा कद घटाया है। बीमा कार्यालय के मेरे पूर्व साथी जरूर अभी भी अपनी मेजों से चिपके होंगे, जैसा कि मैं तब हमेशा कहा करता था कि वे ऐसे ही रहेंगे, जब मैं भी वहां फंसकर अपना समय बरबाद कर रहा था और अपने मुकाम पर नहीं पहुंच पा रहा था, जबकि ऐली ने निरंतर प्रगति की, अपनी पी एच डी और पहली रिसर्च फेलोशिप ली तथा पहली पदोन्नति भी हासिल कर ली।

हमारे हाल ही में परिपक्व हुए मित्र, जिनके पास वास्तविक काम हैं और जिनके किसी भी क्षण दिखाई देने की मैं बेकार ही उम्मीद कर रहा हूं, मुझसे कहते हैं कि घर संभालना पुरुषों के लिए एकदम शालीन पेशा है, यहां तक कि हिम्मत भरा भी, यह कि निश्चित रूप से, घर पर बच्चों के साथ रहना एक मरदाना काम है। वैसे हमारे ये मित्र मुख्यत: ऐली के ही मित्र हैं। ऐसा लगता है कि मैं अब किसी को नहीं जानता, और बच्चों एवं सिर के ऊपर मंडराते जहाजों से दूर, खुद को सोचता पाकर, मैं एक शिकायतकर्ता की कुड़कुड़ महसूस रहा हूं। मैं इसे सुनने की उम्मीद तो नहीं कर रहा था।

मैं रोने लगता हूं, बिना मुंह का रूप बिगाड़े या सिसके हुए। बस, बड़े-बड़े आंसू चुपचाप मेरे गालों पर से ढुलक रहे हैं। मैं नहीं चाहता कि कोई जान-पहचान वाला मुझे रोता हुआ देखे। आखिर, मैं उन लोगों में तो नहीं हूं जो एक बकवास सी मंगल की सुबह हीथ्रो हवाई अड्डे पर भावनाओं के साथ फट पड़ें। मैं अपने घर के मामलों को एक व्यवसाय की भांति लेता हूं और उन्हें बहुत ही दोषरहित तरीके से संभालता हूं। यह कोई हल्का-फुल्का काम नहीं है। मैं सफाई के हूवर-बैग और बच्चों के नैपीज़ की भी बारीक से बारीक जानकारी को ध्यान में रखता हूं। आज की सुबह मैं अपने आप में नहीं हूं। मुझे यह भी नहीं मालूम कि मैं कौन हूं।



Entry #2 - Points: 18
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हीथ्रो हवाई अड्डा इंग्लैंड के उन कुछ स्थानों में से एक है जहाँ आप निश्चित रूप से बंदूक देख सकते हैं। ये बंदूकें वे पुलिस वाले ढोते हैं जो छोटी-बाजू की क़मीज़ें और काली फ़्लैक-जैकेट पहने होते हैं, और उन आतंकवादियों के लिए चौकस रहते हैं जो टाइ-रैक उड़ाने ही वाले हैं। इस बात की उम्मीद नहीं है कि वे सीधे मेरा सामना करेंगे, लेकिन अगर वे ऐसा करेंगे तो मैं उन्हें सच बात बता दूँगा। मैं अपना व्यवसाय बता दूँगा। मेरी योजना है कि जब तक मैं किसी परिचित व्यक्ति को नहीं देख लूँगा, तब तक मैं हीथ्रो हवाई अड्डे पर रुका रहूँगा। (...)

स्तब्ध कर देने वाली बात है कि मैंने उनतालीस मिनट तक इंतज़ार किया और ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं देखा जिसे मैं जानता हूँ। कोई भी नहीं, और मुझे भी कोई नहीं जानता। मैं इसी तरह से ही बेनाम हूँ जैसे कि सार्वभौमिक नाम-कार्ड के साथ ड्राइवर हैं (कुछ जातिनाम मैं जानता हूँ), सिवाय इसके कि ड्राइवरों की पोशाक बेहतर है। बचपन से ही, मैं जो कुछ भी पहनता हूँ वह पाजामे की तरह ही दिखता है। कोट, क़मीज़, टी-शर्ट, जींस, सूट; ऐसा पाजामा जिसमें सो गए हों। (...)

मैं खुद को उन सब परिचित लोगों के बारे में सोचते हुए सुन रहा हूँ जिन्होंने मंगलवार की सुबह मोहक यूरोपीय गंतव्यों के लिए जल्दी न चलकर मुझे शर्मिंदा किया था। बीमा दफ़्तर के मेरे पूर्व सहकर्मी अभी भी अपने डेस्कों पर अटके होंगे, जैसा कि मैंने हमेशा कहा है कि वे अटके रहेंगे, क्योंकि मैं भी तो वहाँ अटका था, अपना समय बर्बाद कर रहा था और तय करने में असमर्थ था जबकि एली स्थिर गति से आगे बढ़ती गई, अपनी पहली पीएचडी हासिल की और रीडिंग विश्वविद्यालय में अपनी पहली शोध फ़ैलोशिप, अपनी पहली तरक्की।

हमारे ज़्यादा हाल के बड़े हो चुके दोस्त, जिनके पास गंभीर काम हैं और इसलिए मुझे उन्हें यहाँ किसी भी पल देखने की अधूरी आशा है, मुझे बताते हैं कि आदमी के लिए परिवार-बनाना पूरी तरह से सम्मानित पेशा है, यहाँ तक कि साहसी आदमी के लिए भी, हाँ, मर्दाना ढंग से बच्चों के साथ घर पर रहने के लिए। हमारे ये दोस्त मुख्य रूप से एली के दोस्त हैं। मुझे नहीं लगता कि अब मैं किसी को और ज़्यादा जानता हूँ, और बच्चों से दूर और सिर के ऊपर हवाई जहाज़, खुद को सोचते हुए सुनना, मैं शिकायत के विचार सुन रहा हूँ। यह वही नहीं है जिसे सुनने की मैं उम्मीद कर रहा था।

मैं रोना शुरू कर देता हूँ, मुँह बनाना या सुबकना नहीं, बस बड़े मूक आँसू मेरे गालों पर लुढ़क रहे हैं। मैं नहीं चाहता कि ऐसा कोई आदमी मुझे रोते हुए देखे जिसे मैं जानता हूँ, क्योंकि मैं उस तरह का आदमी नहीं हूँ जो मंगलवार की सुबह हीथ्रो हवाई अड्डे पर बिना किसी बात के टूट जाए। मैं अपना घर का प्रबंध, अपने व्यवसाय की तरह बिना किसी भूल के करता हूँ। यह गंभीर काम है। मेरे पास लँगोटी के नैतिक परिणाम के बारे में हूवर-बैग की स्थिति और रंग से कोड किए गए प्रिंट-आउट की निगरानी के लिए स्प्रेडशीट हैं। इस सुबह मैं खुद नहीं हूँ। मैं नहीं जानता, कि मैं कौन हूँ।



Entry #3 - Points: 14
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हीथ्रो हवाईअड्डा इंग्‍लैंड की उन गि‍नी-चुनी जगहों में से एक हैं, जहाँ पर आपको बंदूकें देखने को अवश्‍य मि‍ल जाएँगी. छोटी बाज़ुओं वाली कमीज़ और काली फ़्लैक जैकेट वाली वर्दी पहने पुलि‍सवालों के पास ये बंदूकें होती

हैं. ये बंदूकधारी पुलि‍सवाले उन आतंकवादि‍यों के लि‍ए हमेशा तैयार हैं जो बगल की छोटी दुकानों को वि‍स्‍फोट से उड़ाने के लि‍ए कभी भी आ धमक सकते हैं. पुलि‍स से मेरा सीधा सामना तो न होगा, पर अगर हुआ तो

मुझे उन्‍हें सच बताना पड़ेगा. मुझे अपने पेशे के बारे में उन्‍हें बताना होगा. जब तक कोई जान-पहचान का व्‍यक्‍ति‍ मुझे न दि‍खे, तब तक के लि‍ए मैं हीथ्रो हवाईअड्डे में ही रुकने की योजना बना रहा हूँ. (...)

आश्‍चर्यजनक रूप से मेरे उनचालि‍स मि‍नटों तक इंतज़ार कर लेने के बाद भी मुझे अपनी पहचान का कोई नहीं दि‍खा. एक भी नहीं, यहाँ पर ऐसा एक भी व्‍यक्‍ति‍ नहीं है, जो मुझे जानता हो. मेरा चेहरा यहाँ उतना ही

अनजाना है, जि‍तना उन ड्राइवरों का, जो अपने सार्वजनि‍क नाम-कार्ड लटकाए खड़े हैं (उनमें से कुछेक के अंति‍म नामों से मैं परि‍चि‍त हूँ). उनमें और मुझमें यही फ़र्क है कि‍ उन्‍होंने मुझसे बेहतर ड्रेसें पहन रखी हैं. मैं जो

भी पहनूँ, चाहे वो कोट हो, कमीज़ हो, जीन्‍स हो, सूट हो, वो पायजामे सा लगता है और ऐसा बचपन से ही है. (...)  

मेरे दि‍माग में उन लोगों के बारे में वि‍चार कौंध रहे थे जि‍न्‍होंने यूरोप की उम्‍दा जगहों में घूमने-फि‍रने के लि‍ए मंगलवार को जल्‍दी न आकर मुझे नि‍रुत्‍साहि‍त कर दि‍या. नि‍श्‍चि‍त ही बीमा ऑफ़ि‍स में कार्यरत मेरे पुराने

सहकर्मी अपने-अपने डेस्‍कों पर अपने-अपने कामों में फँसे हुए होंगे. मैं भी हमेशा यही कहता हूँ. मैं भी वहाँ यूँ ही फंसा हुआ था, अपना समय बर्बाद कर रहा था, स्‍थि‍र नहीं हो पा रहा था. वहीं दूसरी ओर एली स्‍थि‍रता

से आगे की ओर बढ़ती जा रही थी. वह पी.एच.डी. के साथ-साथ रीडिंग वि‍श्‍ववि‍द्यालय से पहली शोध फ़ैलोशि‍प भी प्राप्‍त कर रही थी, जो उसकी पहली प्रमोशन थी.  

मेरे अधि‍क परि‍पक्‍व दोस्‍त, जि‍नकी प्रवृत्ति‍ कार्यों को गंभीरता से करने की है और जो मुझे काफ़ी हद तक लगता है कि‍ यहाँ पहुँच जाएँगे, वे मुझे बताते हैं कि‍ कि‍सी भी आदमी के लि‍ए घरेलू कामकाज एक अच्‍छा खासा

पेशा है, ऐसे काम को करने के लि‍ए साहस होना चाहि‍ए. जी हाँ, घर में बच्‍चों के साथ बैठना मर्दाना है. हमारे ये दोस्‍त एली के पुराने दोस्‍त हैं. मुझे लगता नहीं कि‍ मैं अब उनमें से कि‍सी को भी जानता हूँ या नहीं, और

बच्‍चों से दूर होना और सर के ऊपर से प्‍लेनों का आना- जाना, उनकी आवाज़ें सुनकर मुझे ख्‍़याल आता है, ख्‍़याल आता है एक व्‍हिंगर का. ये वह नहीं है जि‍सके सुनने की मैं आशा कर रहा था.  

मैं रोने लग पड़ा, सि‍सक-सि‍सक के या दहाड़ें मारते हुए तो नहीं, पर मेरे गालों से आँसुओं की बड़ी-बड़ी बूँदें लुढ़कते हुए नीचे की ओर ज़रूर गि‍र रही हैं. मैं नहीं चाहता कि‍ मेरा कोई जानकार मुझे रोते हूए देखे, क्‍योंकि‍

मैं कोई ऐसा-वैसा इंसान नहीं हूँ जो सुबह-सुबह हीथ्रो एयरपोर्ट में बेबात फूट-फूट कर रोने लगूँ. मैं अपने घर को कि‍सी बि‍ज़नेस की तरह ही साफ़-सुथरा व्‍यवस्‍थि‍त रखता हूँ. ये एक गंभीर काम है. व्‍यवस्‍था संबंधी

परि‍स्‍थि‍ति‍यों के नि‍रीक्षण हेतु मेरे पास स्‍प्रैडशीट्स एवं लंगोटों के नैति‍क परि‍णामों के वि‍षय में रंगों द्वारा कोड कि‍ए गए प्रिंट-आउट मौजूद हैं. आज सुबह मैं अपने आपे में नहीं हूँ. मुझे नहीं पता कि‍ मैं कौन हूँ.  



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